अजिंक्यतारा

Ajinkyatara Fort, अजिंक्यतारा किले के बारे में कुछ रोचक जानकारी

अजिंक्यतारा सातारा जिले में स्थित है और बताया जाता है की यह स्वराज्य की चौथी राजधानी भी है | इसमें से पहला राजगढ़, दूसरा रायगढ़, तीसरा जिंजी और चौथा अजिंक्यतारा का किला है। अजिंक्यतारा किले की ऊंचाई  की बात करे तो यह 1356 मीटर (4400 फीट) है और यह किला मध्यम आकार का बनाया गया है, सुंदरता की दृष्टि से इस किले को बहुत अच्छा माना जाता है, और यहां प्रतिवर्ष कई लोग घूमने के लिए आते है। Ajinkyatara Fort के किले को  सतार का किला भी कहा जाता है। यह किला सतारा शहर में कहीं से भी आसानी से देखा जा सकता है |

अजिंक्यतारा किले का इतिहास

अजिंक्यतारा किला काफी पुराना है, अजिंक्यतारा किले में पश्चिम दिशा  की ओर एक मेन गेट है और इसका गढ़ और दरवाजा आज भी बहुत मजबूत है । इस किले का द्वार इतना ऊंचा है कि एक अंबरी वाला हाथी आसानी से द्वार में से निकल सकता है । इसमें सीढ़ियां भी है उसके बाद एक और द्वार है जिससे आप पवेश कर सकते है । अजिंक्यतारा किले  में एक छोटा सा मंदिर भी है  जो  महादेव भगवान का है।  इसके पीछे एक बड़ा मारुती मंदिर है । यहां बरसात के मौसम में अजिंक्यतारा किला को देखना बड़ा ही मनमोहक होता है आपको सभी जगह हरियाली देखने को मिलती है। 

बामनोली सह्याद्री पर्वत श्रृंखला का एक छोटा सा खंड है, जो कि प्रतापगढ़ से लेकर सतारा तक फैला हुआ है, जहाँ सतारा में अजिंक्यतारा का किला है| इस किले को शिलाहार वंश के दुसरे भोजराजा ने 1190 इ स  में इसका निर्माण करवाया। इसके बाद यह कई राजाओ के पास गया इसके आलावा ये  शिवाजी के राज्य का विस्तार होने लगा और 27 जुलाई 1673 में यह किला  शिवाजी महाराज के राज्य में आ गया इसके आलावा भी इस किले और भी बहुत बड़ा इतिहास रहा है |

अजिंक्यतारा किले के बारे में कुछ जानकारी –

अजिंक्यतारा

इस किले की खास बात यह ही की यहाँ सात पानी के तालाब भी है यह तालाब मानसून के समय में पुरे भर जाते है|  यहाँ कई मुर्तिया पत्थरो पर उकेरी गए है | इसके पास में अजिंक्यतारा नाम की एक बड़ी पट्टी भी  लगाई गई है। यहाँ से आप चंदन वंदन का किला और जरंदेश्वर पहाड़ी  को आसानी से देख सकते हैं। छत्रपति शाहू महाराज  ने 1721 में इस किले  तलहटी में एक  शहर का निर्माण करवाया और पहली बार अपनी राजधानी को किले से जमीन पर उतारा।

सतारा के पास घूमने के स्थान

संगम माहुली – यह सतारा बस स्टेशन से 5 किमी की दूरी पर स्थित है, संगम माहुली और क्षेत्र महुली कृष्णा और वेन्ना नदियों के संगम पर स्थित है यह दो पवित्र गांव हैं |

नटराज मंदिर – यह मंदिर सतारा बस स्टेशन से 3 किमी की दूरी पर स्थित है ,इस  नटराज मंदिर,को उत्तरा चिदंबरम मंदिर भी कहा जाता है, सतारा और सोलापुर को जोड़े जाने वाले NH4 पर स्थित जो बहुत ही  लोकप्रिय मंदिर है। सतारा में  देखने के स्थानों में से एक है

वज्रई वॉटरफॉल – यह सतारा से 28 किमी,की दुरी पर स्थित है महाराष्ट्र के सबसे अच्छे  और शानदार झरनों में से वज्रई वॉटरफॉल एक है, और पुणे के पास के  मानसून पर्यटन स्थलों में से एक है ।

अजिंक्यतारा किले तक कैसे पहुंचे

अजिंक्यतारा किले तक पहुंचने सबसे पहले सतारा शहर के लिए आना पड़ता है। गोदोली के रास्ते पक्की सड़क है यहाँ से आप चार पहिया वाहन से भी आ सकते है। इसके अलावा यदि आप पैदल आना चाहते है, तो आप सतारा बस स्टैंड से समर्थ मंदिर होते बस के द्वारा बोगडा में उतर कर पैदल 20 मिनट में आप महादरवाजा पहुँच जाते है |

यदि आप ट्रेन से आना चाहते है, तो लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन माहुली है आप यहाँ राजवाड़ा से रेलवे स्टेशन के लिए बस सेवा भी है|

-धन्यवाद

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