Bramhagiri Fort Nashik History – ब्रह्मगिरी महाराष्ट्र राज्य पश्चिमी घाट पर स्थित एक पर्वत श्रृंखला है। ब्रम्हागिरी की पहाड़ी महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है| ब्रम्हागिरी की पहाडी के पास ही  त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर भी स्थित है। यहाँ गोदावरी नदी  का भी उद्गम हुआ है जो त्रियम्बक के पास है। गोदावरी नदी की लम्बाई 1,465 किलोमीटर (910 मील) है, यह नदी दक्कन के पठार के बाद पूर्व दिशा की तरफ, इसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर मुड़ती जाती है, गोदावरी नदी आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले में| इसके बाद बंगाल की कड़ी में मिल जाती है |

Bramagiri hills का इतिहास

बताया जाता है की ब्रह्मगिरि का अर्थ है भगवान ब्रह्मा की पहाड़ी से लगाया जाता है। पौराणिक कथाओं में बताया गया है की, ब्रम्हागिरी की इस पहाड़ी पर ऋषि गौतम और उनकी पत्नी अहिल्या यहाँ पर निवास करते थे| ब्रम्हा गिरी की पहाड़ी को भगवन शिव का एक बहुत ही विशाल रूप मना जाता था |

1908 में के दो सेठ के द्वारा यहाँ 500 करोड़ की लागत से यहाँ 500 सीढ़ियां बनाईं बनाई गई है । इन सीढ़ियों के द्वारा ब्रम्हागिरी तक आसानी से पंहुचा जा सकते है | ब्रम्हागिरी की पहाड़ी से तीन दिशाओं में बहते हुए पानी को आसनी से देखा जा सकता है |

विभिन्न नदियां 

यहाँ पूर्व की और गोदावरी नदी बहती है दक्षिण दिशा की और वैतरणा नदी बहती है पश्चिम दिशा की और बहने वाली नदी को गंगा भी कहा जाता है| यह नदी चक्रतीर्थ के पास गोदावरी नदी में मिल जाती है|

कैसे पहुंचे

त्र्यंबकेश्वर से ब्रह्मगिरी बिच की दुरी पैदल 10 मिनट से पर की जा सकती है | यहाँ यत्रियो को शाइनबोर्ड पर लाया जाताहै जो की जंगली जानवरो से सजकता रखने के लिए किया जाता है | यहाँ से 2 किमी की चढ़ाई के बाद आप ब्रह्मगिरी पहाड़ी की चोटी आसानी से पहुंच जाते है। आपको बता देते है की त्र्यंबकेश्वर स्थान से ब्रह्मगिरि पहाड़ी के शीर्ष तक पहुंचने में लगभग 2 घंटे का समय लग जाता है ।

यहां पर स्थित स्थान

ब्रह्मगिरी पहाड़ी की छोटी पर भगवन शिव और देवी गोदावरी का मंदिर स्थित है। इस पहाड़ी पर गोदावरी मंदिर को ही को गोदावरी नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। गोदावरी नदी यहाँ से निकलती है तो ऐसा लगता है की यह नंदी के मुहाने से निकल रही है । गोदावरी नदी गंगाद्वार तक बहती है और फिर इसके आगे त्र्यंबकेश्वर गांव के कुशावर्त तीर्थ कुंड की और बहती है। यहां पर कोलंबिका देवी मंदिर भी स्थित है और यहाँ 108 शिवलिंगों का एक समूह है जो इसी के पास में स्थित है।          

Bramhagiri Fort Nashik History
Bramhagiri Fort Nashik History

प्राकृतिक सुंदरता की दृस्टि से

यहाँ के ऊबड़-खाबड़ इलाके के साथ ही ब्रह्मगिरी की पहाड़ियाँ तीर्थ यात्रियों के लिए आकर्षक है बल्कि प्राकृतिक और एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी बहुत ही आकर्षक है। ब्रम्हागिरी की पहाडियो मे लकडी के कई ट्रेकिंग ट्रेक्स है जो दर्शको को अपनी और आकर्षित करते है ।यहाँ प्राकृतिक द्रश्यो का आकर्षण का केन्द्र है, ब्रह्मगिरी पहाड़ियां बहुत ही सुन्दर है ।

प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए और उसको महसूस करने के लिए  ब्रह्मगिरी  पहाड़ी  की यात्रा आपको एक बहुत हि शानदार अनुभव प्रदान करेगा । ब्रम्हागिरी की पहाड़ी ,यहाँ की हवा में साँस ले पर बहुत शांति का अनुभव होता है |

कहाँ पर स्थित है

ब्रम्हागिरी हिल्स त्र्यंबकेश्वर बस स्टेशन से 3 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है और यह नासिक से 31 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है, ब्रह्मगिरी त्रियंबकेश्वर से पास पहाड़ी है, जो महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में है | ब्रम्हागिरी की ऊंचाई की बात करे तो इसकी ऊंचाई 1,298 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, ब्रह्मगिरी की पहाड़ी ही गोदावरी नदी का स्रोत है।

By Admin

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